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Saturday, November 4, 2023
छत्तीसगढ़ के विकास के लिए समर्पित भारतीय रेल
धन्य हुई यह धरती धानी, कम हुई ठेलम ठेल।*
*छत्तीसगढ़ में आप पधारे, विस्तारित की रेल।।*
*आन मिले पाहुन बन हमपे, बरसाया आनंद।*
*पर्वत, घाटी, ताल, तलैया, छाया, परमानंद।।*
*हृदय हुआ पुलकित आने से, उल्लसित परिवेश।*
*लहराती खेती हरियाली, देती शुभ संदेश।।*
💐सुरेश पैगवार💐
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